उज्जैन के पवित्र स्थानों में से एक हैं “महाकालेश्वर मंदिर”, जो कि भगवान शिव के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। यहाँ का माहौल, शिव के भक्तों को अपनी प्राचीनतम और धार्मिक अनुभव को पुनः जीने का अद्वितीय अवसर प्रदान करता है। इस मंदिर के पास ही एक बहुत ही प्रसिद्ध “घड़ी वाले बाबा” का आश्रम है।
“घड़ी वाले बाबा” का असली नाम “स्वामी अब्जित्यानंद” था। वे उज्जैन के प्रसिद्ध संत थे, जिन्होंने भगवान शिव की भक्ति में अपना सम्पूर्ण जीवन समर्पित किया। उनका आश्रम उज्जैन के वहाँ विशाल तालाब के किनारे स्थित है।
घड़ी वाले बाबा का नाम इसलिए है क्योंकि उनके पास हमेशा एक बड़ी सी घड़ी होती थी, जिसकी मदद से वे समय को बता देते थे। उनके आश्रम में आने वाले भक्तों के समय को लेकर बाबा का विशेष ध्यान था। उन्होंने भक्तों को ध्यान, संगीत, और धार्मिक चर्चा के माध्यम से मानसिक और आध्यात्मिक शांति प्रदान की।
घड़ी वाले बाबा के आश्रम में आने वाले लोग विभिन्न धर्मों से होते थे, लेकिन उन्होंने सभी को एक साथ एकत्रित किया और सभी को समान रूप से स्वागत किया। उनकी अनन्य भक्ति और प्रेम की वजह से वे लोगों के बीच में बहुत प्रसिद्ध थे।
आज भी उज्जैन में घड़ी वाले बाबा के आश्रम को लाखों भक्त आते हैं और उनकी ध्यान में शांति ढूंढते हैं। उनकी कथाएँ और उनका संदेश आज भी लोगों के दिलों में बसे हुए हैं, और उन्हें अपने जीवन की दिशा में मार्गदर्शन प्रदान करते हैं।
Ghadi Wale Baba: उज्जैन Location
उज्जैन जिले में उन्हेल से महिदपर रोड के बीच पड़ने वाला गांव गुराडिया सांगा घड़ी वाले बाबा के नाम से भी मशहूर है
उज्जैन से 50 किलोमीटर दूर स्थित सगस भैरव मंदिर में घड़ी चढ़ाने की परंपरा है. यहां घड़ी बांधने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं. उनकी मान्यता है कि घड़ी बांधने से मन्नत पूरी हो जाती है.