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Ram Navami 2023? Is Din Kyon Ki jaati Hai Bhagavaan Ram Ki Puja

रामनवमी 2023? इस दिन क्यों की जाती है भगवान राम की पूजा और अयोध्या के अलावा भारत में कहाँ कहाँ है प्रसिद्ध राम मंदिर

चैत्रनवरात्रिके 9वें दिन राम नवमी का त्योहार मनाया जाता है. धार्मिक पुराणों के अनुसार चैत्रशुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को भगवान राम ने जन्म लिया था | इस बार राम नवमी 30 मार्च 2023, गुरुवार को मनाई जाएगी |

राम नवमी क्यों मनाई जाती है?

राम नवमी भगवान राम के जन्मोत्सव के तौर पर मनाया जाता है|यह हर साल मनाया जाने वाला यह एक शुभ हिंदू त्योहार है |श्रीराम को भगवान विष्णु के दिव्य अवतारों में से एक माना जाता है | यह त्यौहार पूरे विश्व में हिंदु ओंद्वारा बड़े उत्साहऔर उत्साह के साथ मनाया जाता है, और यह अत्यधिक धार्मिक महत्व रखता है |

अयोध्या के अलावा भारत में कहाँ कहाँ है प्रसिद्ध राम मंदिर

यहां हम आपको भारत में प्रसिद्ध राम मंदिरों की लिस्ट दे रहे हैं।

अयोध्या राम मंदिर, उत्तरप्रदेश:

इसके बारे में तो लगभग हर किसी को पता है। यह राम जन्मभूमि के नाम से जाना जाता है। यह सरयू नदी के तट पर स्थित है। हिंदूओं के बीच इसका महत्व बहुत ज्यादा है। हर वर्ष यहां हजारों भक्त प्रभु श्री राम के दर्शन के लिए आते हैं।

त्रिप्रायर श्री राम मंदिर, केरल:

यह मंदिर केरल के त्रिशूर जिले में स्थित है। यहां स्थापित मूर्ति के पीछे बहुत ही आकर्षक कहानी है। कहा जाता है कि यहां स्थापित मूर्ति का इस्तेमाल भगवान कृष्ण द्वारा किया जाता था। यह मूर्ति समुद्र में डूबी हुई थी और केरेला के चेट्टुवा क्षेत्र के एक मछुआरे द्वारा स्थापित की गई थी। इसके बाद शासक वक्कायिल कैमल ने उस मूर्ति को त्रिपयार मंदिर में स्थापित किया। यह मंदरि बेहद ही खुबसूरत है। मान्यता है कि जो भक्त यहां दर्शन करता है वो अपने आसपास की सभी बुरी आत्माओं से मुक्त हो जाता है।

काला राम मंदिर, नासिक:

कालाराम मंदिर महाराष्ट्र के नासिक के पंचवटी क्षेत्र में स्थित है। इसका शाब्दिक अर्थ काला राम है। यहां पर भगवान राम की 2 फीट ऊंची काली प्रतिमा स्थापित है। माता सीता और लक्ष्मण की मूर्तियां भी स्थापित हैं। ऐसा माना जाता है कि 14 वर्ष के वनवास के लिए जब श्री राम, माता सीत और लक्ष्मण आए थे तब 10वे वर्ष बाद वह पंचवटी में गोदावरी नदी के किनारे रहे थे। इस मंदिर का निर्माण सरदार रंगारू ओढेकर ने किया था। इन्होंने एक सपना देखा था कि गोदावरी नदी में राम की एक काली मूर्ति है। इस मूर्ति को इन्होंने अगले ही दिन निकाला और कालाराम मंदिर की स्थापना की।

सीता रामचंद्र स्वामी मंदिर, तेलंगाना:

यह मंदिर तेलंगाना के भद्राद्री कोठागुडेम जिले के भद्राचलम में स्थित है। यह मंदिर वहां खड़ा है जहां श्री राम ने लंका से माता सीता को वापस लाने के लिए गोदावरी नदी को पार किया था। मंदिर के अंदर भगवान राम की धनुष और बाण के साथ त्रिभंगा के रुख में मूर्ति स्थापित है। देवी सीता हाथ में कमल लेकर उनके बगल में खड़ी हैं।

राम राजा मंदिर, मध्य प्रदेश:

यह मंदिर मध्य प्रदेश के ओरछा में स्थित है। राम राजा मंदिर भारत का एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां श्री राम को भगवान के रूप में नहीं बल्कि राजा के रूप में पूजा जाता है। यहां हर दिन गार्ड ऑफ ऑनर किया जाता है। श्री राम को शस्त्र सलामी दी जाती है।

कनक भवन मंदिर, अयोध्या:

राम जन्मभूमि यानी अयोध्या भगवान राम का जन्म स्थान है। यहां पर स्थित कनक भवन मंदिर, अयोध्या में सबसे अच्छे राम मंदिरों में से एक माना जाता है। इस मंदिर के नाम के पीछे भी एक कहानी है। इसका नाम सोने के आभूषणों और राम और सीता की मूर्तियों के स्वर्ण सिंहासन के कारण रखा गया है। इस मंदिर को इस तरह बनाया गया है कि इसकी मुख्य दीवार पूर्व दिशा की तरफ है। जब भी सूर्योदय होता है तो उसकी दीवारें तेजस्वी दिखती हैं।

श्री राम तीर्थ मंदिर, अमृतसर:

यह मंदिर अमृतसर, पंजाब में स्थित है। जब लंका से आने के बाद माता सीत को राम जी ने त्याग दिया था तब उन्हें ऋषि वाल्मीकि के आश्रम में आश्रय मिला था। माना जाता है कि यह मंदिर उसी स्थान पर बना है। यही वह जगह है जहां माता सीता ने जुड़वां बच्चों लव और कुश को जन्म दिया था।

कोंडांडा रामास्वामी मंदिर, चिकमंगलूर:

यह मंदिर कर्नाटक के चिक्कमगलुरु जिले में स्थित है। हिरामगलूर में, परशुराम ने भगवान राम से अपनी शादी के दृश्य दिखाने का अनुरोध किया। इसी के चलते कोंडंडा में रमास्वामी की मूर्तियां हिंदू विवाह समारोहों की परंपराओं के अनुसार ही स्थित हैं। यह भारत का एकमात्र मंदिर है जहां माता सीता राम और लक्ष्मण के दाहिनी ओर खड़ी दिखाई देंगी।

रामास्वामी मंदिर, तमिलनाडु:

रामास्वामी मंदिर तमिलनाडु में स्थित है। रामास्वामी मंदिर को दक्षिणी भारत का अयोध्या कहा जाता है। यह एकमात्र मंदिर है जहां भरत और शत्रुघ्न के साथ राम, सीता और लक्ष्मण की मूर्तियां स्थापित हैं। मंदिर परिसर में अलवर सन्नथी, श्रीनिवास सननाथी और गोपालन सन्नथी तीन अन्य मंदिर भी स्थित हैं।

रघुनाथ मंदिर, जम्मू:

यह मंदिर जम्मू में स्थित है। यह बेहद प्रसिद्ध मंदिर है। रघुनाथ मंदिर परिसर में मुख्य मंदिर के अलावा लगभग सात अन्य मंदिर हैं जहां हिंदू धर्म के अन्य देवताओं को पूजा जाता है। रघुनाथ मंदिर की वास्तुकला में मुगल शैली की वास्तुकला का एक टिंट देखा जा सकता है।

One thought on “Ram Navami 2023? Is Din Kyon Ki jaati Hai Bhagavaan Ram Ki Puja”

    1. Jai Shree Ram

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